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तेज रफ्तार और ओवरलोडिंग का कहर भीषण सड़क दुर्घटना

सारंगढ़(पेंड्रावन)संवाददाता-चित्रसेन घृतलहरे,13 मार्च 2025// सरसींवा थाना से करीब 7 किलोमीटर दूर भटगांव रोड पर सेमरिया नाला के खतरनाक मोड़ पर एक बड़ा हादसा हुआ। वेस्ट बंगाल से बांस-बल्ली लेकर भाटापारा जा रहा तेज़ रफ़्तार मसदा ट्रक (WP29 5829) अनियंत्रित होकर पलट गया, जिससे सामने से आ रही पशु आहार से लदी ट्रक (JH02 AN 1601) भी इसकी चपेट में आ गई। हादसे के कारण सड़क पर जाम लग गया और यातायात बाधित हो गया। हालांकि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर करता है। घटना के तुरंत बाद पुलिस विभाग के अधिकारी वहा पर आये और तत्काल अपनी तत्परता दिखाते हुए जाम न होने दे रास्ते को क्लियर कराया साथ ही साथ घायल को हॉस्पिटल खाना कराया बांस लोड गाड़ी के ड्राइवर और उसमे साथ में जो गाड़ी का मालिक था उनको थोड़ा चोट आया लेकिन जान माल का नुकसान नहीं हुआ पुलिस अधिकारियो ने इसमें गंभीरता तो दिखाई लेकिन यह काफ़ी नहीं लगता यहां प्रशासन को ध्यान देना होगा और यातायात विभाग को बिच बिच में इसको लेकर जाँच करनी चाहिए। जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर ही आय दिन एक्सीडेंट हो रहा लोगो की जान जा रही है।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मसदा ट्रक तेज़ रफ्तार में था और ओवरलोड था, जिससे संतुलन बिगड़ गया। जैसे ही ड्राइवर सुभाष महतो ने सामने से आती ट्रक को देखा, उसने तेज़ ब्रेक लगाया, लेकिन भारी लोड के कारण ट्रक सीधा सड़क पर पलट गया। दूसरी ट्रक के ड्राइवर दीपक सिंह ने खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन वह भी पलटी हुई ट्रक से टकरा गई।

गलती किसकी थी?

स्थानीय लोगों के अनुसार हादसे के लिए मसदा ट्रक का ड्राइवर पूरी तरह जिम्मेदार था। ट्रक तेज रफ्तार में था, जबकि इस मोड़ पर धीमी गति जरूरी थी। ड्राइवर ने सही समय पर गति नियंत्रित नहीं की, जिससे यह हादसा हुआ।

लगातार बढ़ रहीं दुर्घटनाएँ, प्रशासन बेखबर

सरसींवा भटगांव रोड पर आए दिन दुर्घटनाएँ हो रही हैं, लेकिन प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा। कुछ दिन पहले भिनोदा में भी दो ट्रकों की भिड़ंत हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था। ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग और शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कोई नियंत्रण नहीं। अल्कोहल टेस्ट और ट्रकों की नियमित जांच नहीं हो रही।

कब जागेगा प्रशासन?

स्थानीय लोग लगातार सख्त ट्रैफिक नियमों और नियमित जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की अनदेखी जारी है। अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह सड़क मौत का जाल बन सकती है। प्रशासन कब तक हादसों का इंतज़ार करेगा? या फिर कोई बड़ी त्रासदी ही उन्हें जागने पर मजबूर करेगी?

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